01 April, 2019

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

02 March, 2019

प्राकृतिक खेती किसानों का भविष्य हैः राज्यपाल



मुज़फ्फरनगर के सिसोली में आज किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने  कहा कि किसान वास्तविकता में स्वयं कृषि वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने सदियों तक समाज को पोषित किया है तथा अपना योगदान दिया है।

राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा जीवनअमृत को तैयार करने के बारे बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को रसायनिक तथा जैविक दोनों तरह की खेती का अनुभव है तथा इनके परिणाम उनके समक्ष हैं, इसलिए वह किसानों को शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दे रहे हैं।

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रधान चौधरी नरेश टिकैत ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया तथा किसान समुदाय के कल्याण के लिए प्राकृतिक खेती के मॉडल की पहल करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

   राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने  कहा कि किसानों से सरल तथा पारम्परिक खेती का अनुसरण करने का आग्रह किया। इस खेती में किसी प्रकार का खर्चा शामिल नहीं है, क्योंकि यह शून्य लागत प्राकृतिक खेती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं अपनी 200 एकड़ भूमि पर इस खेती का कार्यान्वयन किया है तथा इस भूमि में उपजी फसलों के लिए निरतंर अच्छे दाम पाए हैं। खाद्यानों की गुणवत्ता उत्कृष्ट तथा मनुष्य उपभोग के लिए सर्वश्रेष्ठ है।

27 February, 2019

मंडी भाव 03-003-2019

नरमा कोटन अनाज मंडी भाव 

  • सिरसा मंडी नरमा भाव : ₹5455
  • आदमपुर मंडी नरमा भाव : ₹5449
  • हिसार मंडी नरमा भाव : ₹5400
  • जींद मंडी नरमा भाव : ₹5415
  • उकलाना मंडी नरमा भाव: ₹5420
  • कागदाना मंडी नरमा भाव : ₹5425
  • पीली-मंदोरी मंडी नरमा भाव : ₹5430
  • एलेनाबाद मंडी नरमा भाव: ₹5350
  • फ़तेहाबाद मंडी नरमा भाव: ₹5430
  • उचाना मंडी नरमा भाव : ₹5410
  • बरवाला मंडी नरमा भाव : ₹5444
  • भुना मंडी नरमा भाव : ₹5400
  • नरवाना मंडी नरमा भाव : ₹5410

हरियाणा के कपास मंडी भाव 

  • सिरसा मंडी कपास रेट : ₹5635
  • फ़तेहाबाद मंडी कपास रेट : ₹5500
  • हांसी मंडी कपास रेट : ₹5800
  • बरवाला मंडी कपास रेट: ₹5700
  • आदमपुर मंडी कपास रेट: ₹5450

नरेला व नजफ़गढ़ मंडी धान भाव

  • नरेला Mandi 1121 धान भाव : ₹3650,1509 रेट : ₹3255, सुगंधा भाव : ₹2650,शरबती भाव: ₹1980
  • नजफ़गढ़ 1121 धान भाव : ₹3640, 1509 रेट  : ₹3240

 डबरा मंडी धान भाव

  • डबरा मंडी 1121 धान : ₹3475
  • 1509 भाव : ₹3150
  • सुगंधा रेट : ₹2575

21 February, 2019

एलोवेरा की खेती करके किसान भाई कर सक्तेब है बहुत अच्छी कमाई |


एलोवेरा से हमारे किसान भाई बहुत अच्छी कमाई कर रहे हैं  एलोवेरा की एक एकड़ खेती से आसानी से 5- 7 लाख रुपए कमाए जा सकते हैं। इस खेती के लिए कुछ जानकारियां होना जरूरी हैं, वर्ना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। सही भूमि का चयन, पानी और नमी वाली जगह ये बातें आपको एलोवेरा की खेती के दौरान ध्यान में रखनी होंगी।

एलोवेरा जिसे घृत कुमारी कहा जाता है इसके बहुत फायदे हैं। जिस तरह से एलोवेरा की मांग बढ़ती जा रही है ये किसानों के लिए बहुत फायदे का सौदा है। इसकी खेती कर और इसके प्रोडक्ट बनाकर दोनों तरह से अच्छी कमाई की जा सकती है। लेकिन इसके लिए थोड़ी सवाधानियां बरतनी होंगी। किसानों को चाहिए कि वो कंपनियों से कंट्रैक्ट कर खेती करें और कोशिश करें की पत्तियों की जगह इसका पल्प बेंचे।'

बरसात और ठंड के मौसम में एलोवेरा के खेती में ज़्यादा पानी के आवश्यकता नहीं होती। अगर मौसम गर्मी का है तो पंद्रह दिन में एक बार पानी जरूर दें। एलोवेरा की 1 एकड़ खेती से आसानी से 5 से 7 लाख रुपए कमाए जा सकते हैं। अभी बाबा रामदेव की पतंजलि सहित कई कंपनियां एलोवेरा खरीद रही हैं। एलोवेरा पर अभी तक किसी ख़ास रोग का प्रभाव सामने नहीं आया है।

अगर आप एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) कुछ-कुछ महीनों पर ट्रेनिंग करता है। इसका रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होता है और निर्धारित फीस के बाद ये ट्रेनिंग ली जा सकती है

एलोवेरा की खेती में बड़ी बातें

  • हेल्थकेयर, कॉस्मेटिक और टेक्सटाइल में भी एलोवेरा का इस्तेमाल
  • हर्बल दवा बनाने वाली कंपनियों में होता है सबसे ज्यादा इस्तेमाल
  • कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद
  • पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ, रिलायंस कई बड़ी कंपनियां हैं बड़ी ग्राहक
  • किसानों से सीधे भी पल्प और पत्तियां खरीदती हैं कंपनियां
  • पल्प निकालने या सीधे प्रोडक्ट बनाने की लगा सकते हैं प्रोसेसिंग यूनिट
  • पल्प निकालकर बेचने पर 4 से 5 गुना ज्यादा मुनाफा होता है
  • देश के कई राज्यों में हो रही है एलोवेरा की खेती
  • एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सीमैप में दी जाती है ट्रेनिंग
  • अपने जिले में FCCI से लाइसेंस लेकर शुरु कर सकते हैं अपना रोजगार
  • सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान भी देता है ट्रेनिंग
  • एक एकड़ में करीब 16 हजार पौधे लगते हैं। (जानकारों के मुताबिक)
  • एलोवेरा के जूस की मांग बढ़ने से घृत कुमारी का जूस निकालने की छोटी मशीनें डिमांड में हैं।


सावधानियां

  • शुरुआत में कंपनियों से समझौता (कॉन्ट्रैक्ट) कर ही करें खेती
  • 8 से 18 महीने में पहली कटाई करने की सलाह देते हैं जानकार
  • एलोवेरा की कटी पत्तियों को 4-5 घंटे में प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचना जरूरी
  • कभी न लगाएं कटाई के बाद एलोवेरा की पत्तियों का ढेर
  • जलभराव वाले इलाकों में न करें खेती

20 February, 2019

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2019 : योजना से किसानों को लाभ

देश की केंद्र सरकार ने हाल ही में 1 फरवरी 2019 के बजट में (Farmer Benefits Schem 2019)प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरुआत की है। योजना के अंतर्गत देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में 6000 रूपये प्रति वर्ष दिए जायेंगे। 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ऑफिसियल वेबसाइट  / पीएम किसान निधि पोर्टल (Kisan.nic.in) लॉन्च कर दिया गया है। जिसमे लाभार्थी किसान 25 फरवरी से ऑनलाइन देख सकेंगे अपना नाम, 28 से ट्रांसफर होगी रकम ।इस pmkisan पोर्टल पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े सभी नियम और दिशा निर्देश दिए गए हैं। आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए सरकार अलग-अलग एजेंसियों की मदद ले रही है।



देश के गरीब किसानों को नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से 6000 रूपये मिलने तो अब निश्चित है । क्योकि इसके लिए सरकार की और से सभी तैयारिया लगभग पूरी हो चुकी है । किसान सम्मान निधि योजना के लिए सरकार ने ऑफिसियल वेबसाइट को भी लांच कर दिया है ।अब प्रत्येक पात्र किसान के बैंक खाते में 2000-2000 हजार की 3 किस्तों में कुल 1 वर्ष में 6000 हजार रूपये की आर्थिक मदद आएगी ।

PM kisan samman nidhi Yojana का मुख्य उदेश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को उनके निवेश और अन्य जरूरतों के लिए एक सुनिश्चित आय सहायता करते हुए पूरक आय प्रदान करेगी।जिससे उनकी उभरती जरूरतों को तथा विशेष रूप से फसल चक्र के पश्चात सम्भावित आय प्राप्त होने से पूर्व होने वाले खर्चो की पूर्ति में सहायक होगी  ।
  • 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि भूमि वाले किसानों को मिलेंगे 6000 रूपये प्रति वर्ष
  • 1 साल में 6000 रूपये की कुल राशि को 2,000-2,000 रुपये की तीन किस्तों में दिया जाएगा
  • देश के लगभग 12 करोड़ छोटे किसान परिवारों को सीधे लाभ मिलेगा
  • इस योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 से लागू होगी।

किन किसानों को नही मिलेगा योजना का लाभ


  • नोट :- मल्टी टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
  • ऐसे बुजुर्ग जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपए या इससे ज्यादा है उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा।।
  • इनके अलावा प्रोफेशनल बॉडीज के साथ रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • इनकम टैक्स भरने वाले किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • किसी संवैधानिक पद पर आसीन किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • ऐसे किसान जो पहले या अब किसी म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के मेयर या जिला पंचायत के चेयरमैन रह चुके हैं ।
  • केन्द्र या राज्य सरकार से संबंधित किसी भी संस्था में काम करने वाले या रिटायर्ड कर्मचारी को लाभ नहीं मिलेगा।

गुलाब की खेती से कम सकते है हर साल 30 लाख रुपये |

क्या कोई व्यक्ति खेती के लिए अपनी नोकरी छोड़ सकता है ?
जी हां एसा ही कुछ करके दिखाया है एक युवा किसान ने जिस्सने अपनी इनफ़ोसिस की नोकरी छोड़ कर गुलाब की खेती की शुरुवात की और आज 30 लाख रुपये सालाना कमा रहा है यह युवा किसान |



राजस्थान के जिला भीलवाडा के बिगोद गांव का रहने वाला यह युवा किसान है आशुतोष परिक जिनकी उम्र अभी 26  वर्ष ही है जिन्होंने अपनी अच्छी खासी पढाई के बाद इनफ़ोसिस की नोकरी को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ अपना रुझान किया | और आज हम सभी जानते है की उस रुझान को पूरा करने में आशुतोष ने कोई कसर नहीं छोड़ी |

आशुतोष का कहना है की जब वह अपनी बीटेक की पढाई करने के बाद जयपुर में इनफ़ोसिस की नोकरी कर रहे थे उनका मन नोकरी की बजाय अपने पारम्परिक व्यापर में ज्यादा लग रहा था वह अपनी पढाई के दौरान आधुनिक खेती बाड़ी से जुड़े कईं कार्यशालाओं में हिस्सा ले चुके थे जिससे उनका रिझान हमेशा आधुनिक खेती की तरफ ही रहा और इसलिए उन्होंने यह फेसला लिया की वह नोकरी छोड़ खेती करेंगे लेकिन सामने चुनोतियाँ भी बहुत थी दरअसल उस समय उनके लिए यह घाटे का सोदा था लेकिन उनके इरादे मजबूत थे और वह यह कड़ा फेसला लेने एवं चुनोतियों का सामना करने के लिए तैयार हो गये | रिसर्च करके उन्होंने पाया की फूलों की खेतो सबसे सही खेती है सबसे अच्छी बात यह है की फूलों की खेती में बीमारियाँ बहुत कम लगती है या न के बराबर होती है | साल 2016 में उन्होंने नोकरी छोड़ दी और खेती करने लग गए | लगभग डेढ़ एकड़ में उहोने पालीहाउस लगाया | एक एकड़ में लगभग 30 हजार पौधे लगते है उहोने डेढ़ एकड़ में लगभग 45000 पौधे लगाये एक पौधे से साल भर में 20 फूल निकल जाते है | आशुतोष अपने फूलों को स्टिक के हिसाब से बेचते है शादी त्योहारों में एक स्टिक के लगभग 6 से 8 रुपये तक मिल जाते है एवं ऑफ सीजन में 4 से 5 रुपये | सबसे ज्यादा दाम वेलेंटाइन डे , क्रिसमस और न्यू इयर पर मिलता है इन दिनों 10 रुपये प्रति स्टिक मिल जाता है | इस तरह साल भर का टार्न ओवर करीब 45 लाख रूपये के लगभग  होता है खर्च निकलने के बाद 30 से 35 लाख का मुनाफा होता है | 

18 February, 2019

सरकारी योजनायें

जल्दी प्रकाशित हो रहीं है ........

कृषि जानकारी

जल्दी प्रकाशित हो रही है .......

20 January, 2019

शुक्रवार को मंडी सचिव शर्मिला निनामा ने एक आदेश जारी कर अधिकांश व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया।


खिरकिया मंडी | मंडी सचिव शर्मिला निनामा ने एक आदेश जारी कर अधिकांश व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया है । किसानों को लगभग पूरा भुगतान नकद करने का आदेश दे दिया | मंडी सचिव ने मंडी बोर्ड के तीन महीने पुराने एक आदेश का हवाला देते हुए व्यापारियों को निर्देशित किया कि वे तत्काल प्रभाव से किसानों को अधिकांश भुगतान नकद राशि देकर करें। पत्र में लिखा है कि किसानों से खरीदी गई उपज की कुल राशि में से दस हजार का आरटीजीएस करें एवं शेष भुगतान फिर वह चाहे जितना भी हो नकद करें। इस प्रकार का आदेश सबके लिए खतरनाक साबित हो सकता है और यह बात किसी को पच नहीं रही है |
सबसे पहले तो यह है कि आयकर अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को दस हजार रुपए से अधिक का नकद लेनदेन नहीं कर सकता।
और दूसरा यह की केंद्र सरकार कई बार डिजिटल इंडिया की बात में सभी प्रकार के भुगतान को डिजिटल पद्घति से करने पर जोर दे रही है। 
वैसे जिले की अन्य मंडियों में सिर्फ दस हजार रुपए ही नकद देने की व्यवस्था है। इस तरह मंडी सचिव का यह आदेश किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं  लगता है ।

15 January, 2019

ऐसे कर सकते हैं कर्जमाफी के लिए आवेदन |



भोपाल | एमपी ऑनलाइन द्वारा लाइव पोर्टल किसानों से मिलने वाले आवेदन ऑनलाइन अपडेट किए जाएंगे। किसानों को तीन सूचियों  में रखा जाएगा, हरी सूची, सफेद सूची व गुलाबी सूची। हरी सूची में उन किसानों के नाम होंगे, जिनके आधार खाते से लिंक हैं। सफेद सूची में उन किसानों के नाम होंगे, जिनके खाते से आधार लिंक नहीं है तथा गुलाबी सूची में वह किसान होंगे, जिनका नाम इन दोनों सूची में गलत लिखा है या फिर नाम है ही नहीं। किसान जिस सूचि में आएगा उसी  रंग का फार्म भरना होगा, किसान को फार्म नि:शुल्क मिलेगा। कर्जदार किसानों की सूची ग्राम पंचायत भवन और वार्ड ऑफिस में लगाई जाएगी। किसान जिस ग्राम पंचायत में निवासरत हैं वो उसी पंचायत में ग्राम सचिव, ग्राम रोजगार सहायक व नोडल अधिकारी के पास फार्म जमा कर सकते हैं। निगम सीमा में आने वाले किसान "वार्ड ऑफिस" में फार्म जमा कर सकते है।

क्या क्या लगेगा?
  • आवेदन में -राष्ट्रीकृत व ग्रामीण बैंक के खातेदार को ऋण पुस्तिका के प्रथम पेज की फोटो कॉपी  लगानी होगी।
  • किसान के मोबाइल पर फार्म ऑनलाइन जमा होने का मैसेज आएगा।
  • कर्ज की राशि 21 फरवरी को मिलेगी।
  • किसान 5 फरवरी तक आवेदन कर सकेंगे। इस बीच किसान खाते से आधार भी लिंक करवा सकेंगे।
  • 5 फरवरी से 10 फरवरी के बीच किसानों के आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे |
  • 22 फरवरी को राशि किसानों के खातों में आएगी।

जैविक किसान मेला का आयोजन कल 16 जनवरी को


डूमरबहार पत्थलगांव |16 जनवरी बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र डूमरबहार पत्थलगांव में प्रातः 10से शाम 4 बजे तक कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती मिशन योजनांतर्गत जैविक किसान मेला का आयोजन किया जाएगा | जिसमें जैविक किसान मेला में कृषकों को जैविक कृषि/उन्नत कृषि तकनिकी आदि विषयों पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी।

जय किसान ऋण माफी योजना की शुरुआत


भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मंगलवार को जय किसान ऋण माफी योजना की शुरुआत कर दी । इस योजना के अंतर्गत  प्रदेश के 55 लाख किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। योजना की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ अब किसान फॉर्म भरकर कर्जमाफी के लिए आवेदन कर सकते हैं। कमलनाथ सरकार का कहना है की  22 फरवरी से राशि किसानों के खाते में पहुंचना शुरू हो जाएगी। योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने बैंक से खाद-बीज या केवाईसी के तहत कर्ज ले रखा है।